1983 विश्व कप फाइनल में खतरनाक गार्नर का सामना करने से पहले घबरा गए थे श्रीकांत

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

चेन्नई: भारत के महान क्रिकेटर क्रिस श्रीकांत ने खुलासा किया कि लॉर्डस में 1983 विश्व कप फाइनल में वेस्टइंडीज के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक जोएल गार्नर का सामना करने से पहले वे घबरा गए थे। श्रीकांत 57 गेंदों में 38 रनों की पारी खेलकर टीम की ओर से सर्वोच्च स्कोरर रहे। भारत ने 39 साल पहले लॉर्डस में ऐतिहासिक खिताब जीतने के लिए कम स्कोर वाले मैच में क्लाइव लॉयड की अगुवाई वाली टीम को 43 रनों से हराया था।

श्रीकांत ने ऐतिहासिक उपलब्धि की 39वीं वर्षगांठ पर स्वीकार किया कि 12 फीट के लंबे गार्नर की गेंदें खेलना एक कठिन काम था, तब मोहिंदर अमरनाथ ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया था। उन्होंने आगे बताया, “जोएल गार्नर छह फीट आठ इंच के हैं और जब वह गेंद फेंकते हैं तो गेंद की गति कई किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आती है। मैंने जाकर अमरनाथ से कहा, बॉस, मैं इस गेंदबाज को नहीं संभाल पाऊंगा, मैं क्या करूं? आप ही गेंदबाज को संभालिए।”

श्रीकांत ने चेन्नई सुपर किंग्स डॉट कॉम के हवाले से बताया, “अमरनाथ ने तब मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया था। उन्होंने कहा, गेंदों को आराम से हिट करो और अगर हो सके तो लंबे शॉट न खेलो।” पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि अमरनाथ के प्रोत्साहन के शब्दों के बाद, उन्हें वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों के खिलाफ शांत दिमाग से बल्लेबाजी करने का आत्मविश्वास मिला। “मैंने गेंद को समय देना शुरू किया, उसके बाद मैंने स्क्वायर ड्राइव पर शॉट खेला। वहीं, एंडी रॉबर्ट्स का दूसरा बाउंसर खतरनाक था। मुझे परवाह नहीं थी, मैंने उस गेंद पर जोर से एक छक्का जड़ा। फिर मैं आउट हो गया था। यह मैल्कम मार्शल की आखिरी गेंद थी। मुझे इसे खेलना चाहिए था, लेकिन गेंद को हिट करने के चक्कर में विकेट गंवा बैठा।”
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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